gustaakh kabootar

गुरुवार, 13 अक्तूबर 2016

कितना पाकिस्तान ?


(मैं सुबह चिमन की दुकान पर पहुंचा या यूँ कहिये  पहुँचा दिया गया। सर के बाल बढ़ गए थे , घर में बाल विकास के खिलाफ प्रस्ताव पास हुआ और चाय पर मम्मी ने friday का हवाला देते हुए मुझे बाल कटवाने का हुक्म दे दिया और मैं पहुँच गया चिमन की दुकान पर । )

"राम राम चिमन भाई" मैंने हाथ उठाते हुए बोला
"हम्म्म्म्म..." मुँह में खैनी की ज्यादा मात्रा होने के कारण वो इतना ही बोल सका।
वो पहले से किसी और की हज़ामत कर रहा था , तो मै अपनी बारी के इंतज़ार में दूकान के बाहर बेंच पर बैठ गया।
"अब की बार दिया जबाब तो भारत ने"  मेरे बगल वाले चचा ने अखबार समेटते हुए कहा ।
किसी ने उनका जवाब नहीं दिया , पर उन्होंने अपने आधे अधूरे दाँतों को पीसते हुए कहना जारी रखा।
"मेरी मानो तो पाकिस्तान पर हमला करने का सही टैम है ये।"
"हम्म्म्म्म....."  फिर से जर्दे ने चिमन को हम्म से ज्यादा कुछ कहने न दिया , पर उम्मीद से परे जाकर चिमन ने जर्दे की पिचकारी को बाहर नाली में सटीकता से फेंका और चेहरे को भोंडे ढंग से टेढ़ा करते हुए बोला " मोदी बनाएगा इनकी फिलम तो, 2017 में पाकिस्तान नी रहेगा , लिखवा लो।"
"अरे भाई इतना आसान थोड़े न है हमला करना , देश को भोत नुकसान होता है ।" मैं अख़बार पढ़ते हुए बोला।
चिमन कुछ देर रुका , फिर बोला "अपने वाले बम्ब गेर दो ना उन पर , जो देश का देश उड़ा देते है।"
"उनके पास अपने से ज्यादा है " मैंने कहा।
"पर उनके तो चीन वाले है ना , साले चले, न चले कोई गारंटी नी" चिमन हँसते हुए बोला।
इस महत्वपूर्ण सामरिक चर्चा में अपनी भागीदारी फीकी होते देख चचा भी मैदान में कूदे और आँखों में चमक लिए कहा।
"परमाणु बम्ब होते है वो , जापान पे फेंके थे न अमरीका ने"
"हां ताऊजी  वही बम्ब,  गेर गूर के नक्की करो..कितना सा तो है पाकिस्तान"
"कितना है पाकिस्तान ?" मैंने अख़बार नीचे रखते हुए पूछा।
"कितना है ?" चचा ने मेरी तरफ देखकर पूछा।
"अरे छोटा ही है ताऊ जी , ज्यादा बड़ा नी है" चिमन ने कहा
मैंने मुस्कुराते हुए चिमन से पूछा " कितना छोटा है , ये तो बता दे"
"हनमानगढ़ से थोडा सा बड़ा ले ले ,बस"
"अच्छा...??" मैंने हंसते हुए कहा
"हनमानगढ़ पलस गंगानगर बरोब्बर पाकिस्तान" चिमन ने ज़ोर देते हुए कहा।
चिमन की इस बात पर मेरी हंसी छूट गयी ।
"अच्छा चल तू हंस रा है । तू बता दे की कितना है पाकिस्तान"
" देख पक्का तो कैसे बताउ , पर लगभग 2 राजस्थान मिलाले। उतना है पाकिस्तान" मैंने हंसी रोकते हुए कहा।
"भाई तेरा इतना पढ़ना लिखना गोबर हो गया फेर तो ,
इतना भी नी पता तेरको ?" चिमन मुस्कुराते हुए बोला।
"शर्त लगाले ?"मैंने हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा।
चिमन कुछ सोचा और बोला "चल होगी शरत , जे तू जीता तो तेरी cutting के पैसे नी लेऊंगा और मालिश भी मुफ़त में और जे मैं जीता तो तू मेरको jio की सिम लाके देगा आज ही।"
मैंने फट से हाँ बोल दी।
"पर पता कैसे चलेगा कौन सही है , और कौन गलत ?" शेव बनवा रहा लड़का धीरे से बोला।
"सामने मास्टर फुसाराम का मकान है , वो अभी school के लिए निकलेगा , निकलते ही धर लेंगे" चचा ने घड़ी देखते हुए कहा।
घडी में 9 बज रहे थे , मास्टर जी के स्कूल जाने का time हो गया था। लड़के की शेव को चिमन ने hold पर रख दिया था , और अब हम चारों की नज़रें मास्टर जी के गेट पर टिकी थी। लगभग 5 मिनट उनके गेट को घूरने के बाद अंततः मास्टर जी प्रकट हुए।
चिमन मास्टर की तरफ जैसे ही लपका , मास्टर जी दुबारा भाग कर घर में घुस गए , क्योंकि चिमन ने उस्तरे को इस तरह पकड़ रखा था मानो आज ही मास्टर जी की टैं बुलवा देगा।
"यार पिछला बकाया अगली हज़ामत में दे दूंगा भाई , इतना गुस्सा किस बात का?" गेट के उस तरफ खड़े मास्टर जी ने डरे स्वर में कहा।
चिमन ने हँसते हुए कहा " अरे मास्टर जी मैं बकाया लेने नहीं आया , एक शरत लगा ली यार। आप दूकान पे आओ।"
मास्टर जी दुकान पर आये और चिमन ने उन्हें पिछ्ले 15 मिनट का इतिहास बता दिया।
"तो अब बताओ मास्टर जी , कौन जीता और कौन हारा" चिमन पुरे विश्वास से बोला।
"  ये बन्दा एकदम सही है की पाकिस्तान लगभग राजस्थान का दुगुना है , तू हार गया चिमन" मास्टर जी ने हँसते हुए कहा और school के लिए चल दिए। अब चिमन भाई सन्न आँखों से सबको देखे , उसे देखकर ऐसा लगा मानो उसके पजामे में सांप घूम रहा हो।
"अब लगेंगे भई लैन में , jio के बिना कैसे जियें" कुछ seconds बाद चिमन कैंची टटोलते हुए बोला , और सब हंसने लगे।





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